सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्टे-
नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रबार को हाईकोर्ट के एक आदेश पर रोक लगा दी, जिसमे कहा गया था कि कुत्तो को आहार का अधिकार है तथा नागरिकों को कुत्तो को खाना खिलाने का अधिकार है। और सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और ANIMAL WALFARE BOARD से इस विषय में प्रतिक्रिया मागी है। याचिका को HUMAN PEOPLE AND ANIMAL द्वारा दायर किया गया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने जुलाई में कहा था कि जानवरों को कानून के अंतर्गत अधिकार है कि उनके साथ नैतिकता और आदर के साथ वर्ताव किया जाए। और यह प्रत्येक नागरिक और सरकारी और गैर सरकारी संगठनो का दायित्व है।
यह कहा गया कि सामुदायिक कुत्तो को आहार का अधिकार है। और नागरिकों का यह दायित्व है कि वह कुत्तो को खाना खिलाये लेकिन समुदाय के सदस्यो के अधिकार का उल्लंघन न करे।
याचिका में NGO ने कहा है कि SC द्वारा 2015 में ही एक निर्णय में कहा गया था कि पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अंतर्गत कुत्तो से संवन्धित कोई भी आदेश उच्च न्यायालय नहीं देंगे।
लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने आवारा कुत्तो के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिये जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस संबंध में कोई भी आदेश पारित नहीं किया है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया है।