LATEST LAW NEWS
सूप्रीम कोर्ट के जस्टिस A.S Oka ने सोमवार को कहा की सभी हाईकोर्ट को अब से मैन्युअल हस्तक्षेप से बचना चाहिए और इसको स्वचालित करने के लिए Technology का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए।
उन्होने आगे कहा की हमको ये सुनिचित करना होगा की आगे से कोई भी नया मामला manual न हो और सभी मामलों को तकनीक की सहायता से रजिस्टर किया जाए। और उन्होने कहा की अगर हम अपनी न्याय पालिका में पारदर्शिता लाना चाहते है तो हमको तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होने आगे कहा की हमको ये सुनिशिचित करना होगा कि मामले की लिस्टिंग को स्थगित करने के लिए रजिस्ट्री करने वाले किसी भी सदस्य के पास कोई विकल्प नहीं होना चाहिए।
यह भी पढे-SUPREME COURT ने नए सीजेआई D.Y. Chandrachud के आने के बाद 9 नवम्बर से 16 दिसम्बर 2022 तक 6844 मामलों का निपटारा किया।
जस्टिस ओका बॉम्बे हाईकोर्ट में “The Role of Technology in Courts” के विषय पर व्याख्यान दे रहे थे, यह प्रोग्राम बॉम्बे बार एसोसिएशन, एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया के सहयोग से महिला अधिवक्ताओं के इंटरएक्टिव सत्र द्वारा आयोजित किया गया था।
जस्टिस ओका ने कहा की सदस्यों द्वारा मामले को manual रजिस्टर करना एक बड़ा मुद्दा है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आगे से रजिस्ट्री करने वाले किसी भी सदस्य के पास मामले को स्थगित करने के लिए कोई विकल्प नहीं होना चाहिए।
न्यायमूर्ति ओका ने न्याय प्रणाली में मानवीय तत्व के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकाला। उन्होंने कहा कि न्याय की गुणवत्ता में सुधार के लिए केवल आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना पर्याप्त नहीं है।