धारा 406 क्या है और इसके अंतर्गत सज़ा और जमानत का क्या प्रावधान है
नमस्कार दोस्तो आज में आपको धारा 406 के बारे में विस्तार से सरल भाषा में बताने जा रहा हूँ। आम तौर पर लोग किसी दूसरे इंसान पर भरोसा करके उसे अपनी कोई कीमती वस्तु या कोई संपत्ति उपयोग के लिए दे देते है अगर दूसरा व्यक्ति उस वस्तु पर अपना अधिकार धोखे से कर ले उसी के बारे में धारा 406 में बताया गया है तो चलिये जानते है धारा 406 क्या है और इसके अंतर्गत दंड का और जमानत का क्या प्रावधान है।

धारा 406 के अंतर्गत अपराध क्या है?
कोई व्यक्ति जिसे कोई संपत्ति का स्वामित्व कुछ समय के लिए दिया गया हो और वह उस बेईमानी से विधि के विरुद्ध या किसी करार के विरुद्ध उस संपत्ति का दुर्विनियौग करता है या स्वयं के उपयोग के लिए परवर्तित कर लेता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दंड का भागी होगा। धारा 406 के अपराध की व्याख्या धारा 405 में किया गया है।
उदाहरण – मनोज शहर से बाहर जाते समय अपने घर का फर्नीचर प्रवीण के पास संभाल कर रख जाता है इस उद्देश्य से की जब वो वापस लौटेगा तो वह उसे लौटा दे । लेकिन जब वह बाहर से लौटता है तो प्रवीण उसका फर्नीचर देने से माना कर देता है । इस प्रकरण में प्रवीण ने धारा 406 के अंतर्गत अपराध किया है।
dhara 406 के अंतर्गत आने वाले अपराध के आवशयक तत्व-
- संपत्ति का जो मालिक है उसने अपनी संपत्ति दूसरे व्यक्ति को सुरक्षा करने के लिए दी गयी हो।
- अभियुक्त का संपत्ति को बेईमानी से अपने उपयोग में लेना आवशयक है।
- संपत्ति के मालिक द्वारा संपत्ति के समवंध में कोई विधि लेख दूसरे के लिए दिया गया हो और दूसरा व्यक्ति उसके दुर्विनियोग करे।
धारा 406 के तहत अपराध क्या है | सज़ा | जमानत | समझौता |
जब किसी व्यक्ति ने अपनी संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संभालने के लिए दी हो और दूसरा व्यक्ति उसकी संपत्ति पर अपना अधिपत्त्य बना ले तो दूसरा व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी कहलाएगा। | इस धारा के अंतर्गत अपराधी को 3 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। | यह एक गैर-जमानतीय अपराध है। | इस अपराध में समझौता नहीं होता है। |
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dhara 406 के अंतर्गत दंड का क्या प्रावधान है-
धारा 406 के अंतर्गत किए गए अपराध के लिए तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों के लिए सज़ा का प्रावधान है।
धारा 406 में जमानत कैसे मिलती है?
धारा 406 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-जमानतीय अपराध है । और इसमे जमानत देना न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर है।
निष्कर्ष-
आज मैंने आपको आईपीसी act 406 क्या है, और इसके अंतर्गत क्या सज़ा दी जाती है इसके बारे में जानकारी प्रदान की उम्मीद करता हु की आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी आप अपने प्रश्न कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है धन्यबाद।
धारा 406 के अंतर्गत अपराध क्या है?
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को उसके विश्वास का धोखा देकर उसकी कोई संपत्ति या बहुमूल्य वस्तु अपने अधिकार में ले लेता है तो वह व्यक्ति इस धारा में दोषी कहलाता है।
धारा 406 में दंड क्या है?
इस धारा के अंतर्गत दोषी को 3 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है।
धारा 406 में जमानत कैसे मिलती है?
धारा 406 में किया गया अपराध एक गैर-जमानतीय अपराध है और इस धारा में समान्यतया जमानत मिलने में परेशानी आती है।