IPC 380 IN HINDI- निवास गृह आदि में चोरी
धारा 380 क्या है–“जो कोई ऐसे किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में चोरी करेगा, जो निर्माण, तम्बू या जलयान मानव निवास के रूप में, या संपत्ति की अभिरक्षा के लिए उपयोग में आता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
IPC 380 EXPLANATION IN HINDI (आईपीसी 380 क्या है?)
ipc 380 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में चोरी करेगा जो किसी व्यक्ति के निवास के रूप में प्रयोग में आता है वह धारा 380 के तहत अपराधी घोषित होगा तथा इसी धारा के तहत दंडनीय होगा।
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धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
380 | निवास गृह आदि में चोरी | 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना | संज्ञेय | अजमानतीय | कोई मजिस्ट्रेट |
धारा 380 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC Section 380 –
इस धारा के अंतर्गत अपराधी को 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।
धारा 380 में जमानत कैसे मिल सकती है?
धारा 380 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का अजमानतीय अपराध है और इस धारा के अंतर्गत अपराधी किसी भी मजिस्ट्रेट के समाने अपनी जमानत के लिए अर्जी दे सकता है और मजिस्ट्रेट ही उसकी जमानत पर फैसला ले सकता है।
अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 380 निवास गृह आदि में चोरी । के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।
धारा 380 क्या है?
जो कोई ऐसे किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में चोरी करेगा, जो निर्माण, तम्बू या जलयान मानव निवास के रूप में, या संपत्ति की अभिरक्षा के लिए उपयोग में आता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
धारा 380 में जमानत कैसे मिल सकती है?
धारा 380 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का अजमानतीय अपराध है और इस धारा के अंतर्गत अपराधी किसी भी मजिस्ट्रेट के समाने अपनी जमानत के लिए अर्जी दे सकता है और मजिस्ट्रेट ही उसकी जमानत पर फैसला ले सकता है।