IPC 363 IN HINDI- अपहरण के लिए दण्ड
धारा 363 क्या है–“जो कोई भारत में से या विधिपूर्ण संरक्षकता में से किसी व्यक्ति का अपहरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
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IPC 363 EXPLANATION IN HINDI (आईपीसी 363 क्या है?)
ipc 363 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का अपहरण करेगा वह धारा 363 के तहत अपराधी घोषित होगा और dhara 363 के तहत उसे 7 वर्ष की सज़ा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
363 | अपहरण के लिए दण्ड | 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट |
धारा 363 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC Section 363 –
इस धारा के अंतर्गत अपराधी को 7 वर्ष तक का कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
dhara 363 में जमानत कैसे मिल सकती है?
धारा 306 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का जमानतीय अपराध है। और अपराधी की प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट से अपील करने पर जमानत मिल सकती है।
अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 363 अपहरण के लिए दण्ड के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।
धारा 363 में जमानत कैसे मिल सकती है?
धारा 306 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का जमानतीय अपराध है। धारा 363 में अपराधी अपने वकील के माध्यम से मजिस्ट्रेट के यहा जमानत के लिए अर्जी लगाता है तो प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के यहा से उसे जमानत मिल सकती है।
आईपीसी 363 क्या है?
अगर कोई व्यक्ति भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का अपहरण करेगा वह धारा 363 के तहत अपराधी घोषित होगा और धारा 363 के तहत उसे 7 वर्ष की सज़ा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।