धारा 356 क्या है- किसी व्यक्ति द्वारा ले जायी जाने वाली संपत्ति की चोरी के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग-
IPC 356 IN HINDI “जो भी कोई किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उसकी सम्पत्ति जिसे वह व्यक्ति उस समय पहने हुए हो, या लिए जा रहा हो की चोरी करने के प्रयत्न में करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा”।
धारा 356 में अपराध के आवश्यक तत्व-
IPC 356 में निम्न लिखित आवश्यक तत्व होना आवश्यक है।
- हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
- व्यक्ति द्वारा संपत्ति को पहनने या लिए जाने के समय उपरोक्त हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
स्पष्टीकरण– हमला या आपराधिक बल का प्रयोग स्वयं में अपराध है लेकिन ऐसा अपराध चोरी करने के प्रयत्न के दौरान किया जाए तो यह धारा 356 के अंतर्गत आता है।
यह आवश्यक नहीं कि चोरी के प्रयत्न के दौरान गंभीर क्षति ही दी जाए कोई क्षति या बल प्रयोग जो आपराधिक प्रगति की हो की आशंका जोकि किसी तैयारी या अंगविक्षेप के कारण उत्पन्न हुई हो पर्याप्त कारण होगी।

धारा 356 में दंड क्या है? Punishment For IPC 356 ?
इस धारा में अपराध के लिए 5 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
धारा 356 में जमानत कैसे मिलती है? Bail In IPC Section 356 ?
आईपीसी 356 में किया गया अपराध एक संज्ञेय प्रवृति का अजमानतीय अपराध है। अपराधी किसी भी मजिस्ट्रेट के सामने जमानत की अर्जी दे सकता है और जमानत देना या देना मजिस्ट्रेट के विवेक पर निर्भर करता है।
धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
356 | चोरी के प्रयत्न पर आपराधिक बल का प्रयोग | 5 वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों। | संज्ञेय | अजमानतीय | कोई मजिस्ट्रेट |
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IPC SECTION 354C IN HINDI
IPC SECTION 354D IN HINDI
IPC धारा 356 क्या है?
जो भी कोई किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उसकी सम्पत्ति जिसे वह व्यक्ति उस समय पहने हुए हो, या लिए जा रहा हो की चोरी करने के प्रयत्न में करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा”।
IPC की धारा 356 में जमानत का क्या प्रावधान है?
यह एक अजमानतीय प्रकृति का आपराध है।
IPC की धारा 356 में दंड क्या है?
इस धारा में अपराध के लिए 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।