IPC SECTION 327 IN HINDI | धारा 327 क्या है, जमानत, सज़ा के बारे में।

IPC 327 IN HINDI- संपत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना

 धारा 327 क्या है–“जो कोई इस प्रयोजन से स्वेच्छया उपहति कारित करेगा कि उपहृत व्यक्ति से, या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से, कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति उद्दापित की जाए या उपहृत व्यक्ति को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति को कोई ऐसी बात, जो अवैध हो, या जिससे किसी अपराध का किया जाना सुकर होता हो, करने के लिए मजबूर किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा” ।

IPC 327 EXPLANATION IN HINDI (आईपीसी 327 क्या है?)

 ipc 327 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को किसी बहुमूल्य वस्तु को उद्दापित करने के लिए या कोई गैर कानूनी कार्य करने के लिए उसके साथ जान भुज कर उसको चोटिल करता है या उसके हितेषी व्यक्ति को चोटिल करता है तो वह धारा 327 के तहत अपराधी घोषित होता है और इसी धारा के तहत उस पर कार्यवाही की जा सकती है”।

धारा 327 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC Section 327

इस धारा के अंतर्गत अपराधी को 10 वर्ष का कारावास और जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।

धारा 327 में जमानत कैसे मिल सकती है?

धारा 327 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का अजमानतीय अपराध है और इस धारा के अंतर्गत अपराधी प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया जाता है और वही अपराधी की जमानत पर फैसला ले सकता है।

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327संपत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना 10 वर्ष का कारावास और जुर्मानासंज्ञेयअजमानतीय     प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट
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अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 327 संपत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया उपहति कारित करना। के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।

IPC 354A IN HINDI

IPC 354B IN HINDI

धारा 327 क्या है?

 ipc 327 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को किसी बहुमूल्य वस्तु को उद्दापित करने के लिए या कोई गैर कानूनी कार्य करने के लिए उसके साथ जान भुज कर उसको चोटिल करता है या उसके हितेषी व्यक्ति को चोटिल करता है तो वह धारा 327 के तहत अपराधी घोषित होता है और इसी धारा के तहत उस पर कार्यवाही की जा सकती है”।

धारा 327 में जमानत कैसे मिल सकती है?

धारा 327 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का अजमानतीय अपराध है और इस धारा के अंतर्गत अपराधी प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया जाता है और वही अपराधी की जमानत पर फैसला ले सकता है।

B.COM, M.COM, B.ED, LLB (Gold Medalist Session 2019-20) वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक विधिक सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

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