IPC SECTION 314 IN HINDI | धारा 314 क्या है, जमानत, सज़ा के बारे में।

IPC 314 IN HINDI- गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु

 धारा 314 क्या है–“जो कोई गर्भवती स्त्री का गर्भपात कारित करने के आशय से कोई ऐसा कार्य करेगा, जिससे स्त्री की मृत्यु कारित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

यदि वह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए

और यदि वह कार्य उस स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए, तो वह [आजीवन कारावास] से, या ऊपर बताए हुए दण्ड से, दण्डित किया जाएगा।

स्पष्टीकरण-इस अपराध के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराधी जानता हो कि उस कार्य से मृत्यु कारित करना संभाव्य है।

IPC 314 EXPLANATION IN HINDI (आईपीसी 314 क्या है?)

 ipc 314 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति अपनी गर्भवती पत्नी का गर्भपात करने के आशय से कोई ऐसा कार्य करता है जिससे उस स्त्री की मृत्यु हो जाती है तो वह धारा 314 के तहत अपराधी होता है और इस धारा के अंतर्गत दंड का पात्र होता है।

धाराअपराधदंडप्रक्रतिजमानतविचारण
314गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु10 वर्ष का कारावास या आजीवन कारावास और जुर्मानासंज्ञेयअजमानतीय     सेशन न्यायालय
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धारा 314 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC Section 314

इस धारा के अंतर्गत अपराधी पर 10 वर्ष की सज़ा और यह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए तो आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान है। और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा।

धारा 314 में जमानत कैसे मिल सकती है?

धारा 314 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का गैर-जमानतीय अपराध है।

अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 314 गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु। के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।

IPC 305 in hindi

धारा 314 में सज़ा क्या है?

इस धारा के अंतर्गत अपराधी पर 10 वर्ष की सज़ा और यह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाए तो आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान है। और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा।

धारा 314 में वकील की जरूरत क्यूँ होती है?

किसी भी धारा में हिरासत में लिए गए व्यक्ति को वकील की आवश्यकता होती है क्यूंकी वकील की मदद से ही वह जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दे सकता है और वकील ही उस पर लगे आरोपों से उसको निर्दोष साबित कर सकता है।

B.COM, M.COM, B.ED, LLB (Gold Medalist Session 2019-20) वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक विधिक सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहे हैं।

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