306 IPC IN HINDI- आत्महत्या का दुष्प्रेरण
धारा 306 क्या है–यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करे, तो जो कोई ऐसी आत्महत्या का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
IPC 306 EXPLANATION IN HINDI (आईपीसी 306 क्या है?)
ipc 306 के अनुसार “अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को आत्महत्या क लिए उकसाता है तो वह व्यक्ति जो दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाता है वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि 10 वर्ष तक हो सकती है और जुर्माने से भी दंडित होगा।
धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
306 | आत्महत्या का दुष्प्रेरण | 10 वर्ष का कारावास और जुर्माना | संज्ञेय | अजमानतीय | सेशन न्यायालय |
धारा 306 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC Section 306 –
इस धारा के अंतर्गत अपराधी को 10 वर्ष का कारावास और जुर्माना से दंडित किया जा सकता है।
IPC 306 में जमानत कैसे होती है?
धारा 306 में किया गया अपराध संज्ञेय प्रवृत्ति का गैर-जमानतीय अपराध है और इस धारा के अंतर्गत अपराध में जमानत मिलना मुश्किल होता है।
अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 306 आत्महत्या का दुष्प्रेरण के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।
IPC 256 IN HINDI
धारा 306 में सज़ा क्या है?
धारा 306 के अंतर्गत व्यक्ति को 10 वर्ष तक का कारावास और जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है।
धारा 306 में अपराध क्या है?
किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना इस धारा 306 में अपराध है।
धारा 306 में जमानत मिल सकती है या नहीं?
धारा 306 में किया गया अपराध एक गैर जमानतीय अपराध है जिसमे अपराधी को जमानत मिलना मुश्किल होता है।