धारा 147 क्या है- किसी भी सभ्य समाज में मनुष्य को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया गया है। यह अधिकार तभी सफल रूप में दिया जा सकता है जब वह मनुष्य को शांति के साथ रहने का अधिकार भी दे। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व समाज में अशांति फैलाने का प्रयत्न करते है जिन को हिंसा करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है।
धारा 147 में अपराध के लिए महत्वपूर्ण तत्व क्या है?
- पाँच या पाँच से अधिक व्यक्तियों का होना।
- सभी व्यक्तियों का सामान्य उद्देश्य होना।
- उन सामान्य उद्देश्यों को मन में रखते हुए बल या हिंसा का प्रयोग करना।
इस अपराध में बल या हिंसा का प्रयोग करके समाज में अशांति फैलाने तथा अपराध कारित किया जाता है। इस अपराध में हिंसा का अर्थ में संपत्ति के प्रति हिंसा को भी सम्मलित किया जाता है।
धारा 147 में सज़ा क्या है? Punishment in IPC 147?
इस अपराध में अपराधी को 2 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों का दंड दिया जा सकता है।
धारा 147 में जमानत कैसे मिलती है?
यह एक जमानतीय अपराध है और इसमे किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दी जा सकती है।
धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
147 | बल या हिंसा का प्रयोग करके अशांति फैलाना | 2 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
अंतिम शब्द- हमको उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आज हमने आपको धारा 147 के बारे में बताया है आगे भी हम इस प्रकार आपको IPC, CRPC और लॉं से संवन्धित जानकारी देते रहेगे अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई हो तो कृपया इसे share करे। धन्यबाद।
IPC SECTION 376 IN HINDI
IPC धारा 147 क्या है?
कुछ असामाजिक तत्व समाज में अशांति फैलाने का प्रयत्न करते है जिन को हिंसा करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 147 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है।
धारा 147 में सज़ा क्या है?
इस अपराध में अपराधी को 2 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों का दंड दिया जा सकता है।
धारा 147 में जमानत कैसे मिलती है?
यह एक जमानतीय अपराध है और इसमे किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दी जा सकती है।