HIJAB VIVAD: समान्यतौर पर हिजाब सिर के ऊपर स्कार्फ के तौर पर पहने जाने वाला कपड़ा होता है। जिससे सामान्य तौर पर मुंह नहीं ढका जाता है यह बुर्का से अलग होता है।
विवाद क्या है? (HIJAB VIVAD)
कर्नाटक के एक शैक्षिक संस्थान में महिलाओं को कक्षा में बेठने से इसलिए मना कर दिया गया कि वह हिजाब पहने हुए थी। संस्थान का यह कहना था कि वह सिर्फ वही यूनिफ़ोर्म पहेनेगी जो संस्थान के प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त है। छात्राओं ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए इसके विरुद्ध माननीय न्यायालय में याचिका दायर कि है।
संविधान का अनुच्छेद 25 (Article 25)-
प्रत्येक व्यक्ति को अंतःकरण की स्वतन्त्रता तथा किसी भी धर्म को अवाध रूप से मानने उसका आचरण करने और प्रचार करने की स्वतन्त्रता प्रदान करता है।
धर्म की स्वतन्त्रता पर प्रतिबंध-
संविधान भाग तीन में वर्णित अनुकरण 25 में धर्म की स्वतन्त्रता के अधिकार पर प्रतिबंध निम्नलिखित आधारों पर प्रतिबंध किया जा सकता है।
- लोक व्यवस्था
- सदाचार
- स्वास्थ्य
- समाज कल्याण और समाज सुधार
भारतीय दंड साहिता (IPC) की धारा 295 क में किसी व्यक्ति अथवा वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पंहुचाने वाले कृत्य को दंडनीय अपराध घोषित किया गया है।
कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला-
कर्नाटक हाईकोर्ट ने HIJAB VIVAD पर बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि स्कूल कॉलेजो में यूनिफ़ोर्म पहनने की व्यवस्था कानूनी तौर पर जायज है।
हाईकौर्ट का कहना है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है तीन सदस्यीय पीठ ने स्कूल कॉलेजो में यूनिफ़ोर्म लागू करने के आदेश को संवेधानिक रूप से सही बताया और कहा है कि कॉलेज द्वारा यूनिफ़ोर्म का निर्धारण किया जा सकता है और छात्राऐ इस पर किसी भी प्रकार कि आपत्ति नहीं उठा सकती।
जबकि छात्राओ कि दलील थी कि स्कूल और कॉलेजों में उन्हे हिजाब न पहनने देना भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 और 25 का उल्लघन करता है।
लेकिन कोर्ट ने स्कूल तथा कॉलेजो में यूनिफ़ोर्म को लागू करना उपरोक्त अनुच्छेदों का उल्लंघन नहीं माना है।
कर्नाटक हाईकोर्ट का का कहना है कि-
छात्राओ कि स्वायत्ता और उनके शिक्षा के अधिकार नहीं छीने जा रहे है क्लासरूम के बाहर वह अपनी मर्जी की ड्रेस पहनने को स्वतंत्र है।
भारत का संविधान का अनुच्छेद 19 प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता तथा अनुच्छेद 25 धर्म का आचरण करने की स्वतन्त्रता प्रदान करता है।
फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस पोस्ट को फिर अपडेट किया जाएगा। धन्यबाद।