498a IPC in hindi:किसी महिला के पति या पति के किसी नातेदार या रिश्तेदार द्वारा उस महिला के साथ दहेज की मांग को लेकर क्रूर व्यवहार करना।
498A IPC IN HINDI- किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना – Mental Torture IPC Section in Hindi
धारा 498a क्या है– “जो कोई, किसी स्त्री का पति या पति का नातेदार होते हुए, ऐसी स्त्री के प्रति क्रूरता करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा” ।
स्पष्टीकरण—इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “क्रूरता” से निम्नलिखित अभिप्रेत है—
(क) जानबूझकर किया गया कोई आचरण जो ऐसी प्रकृति का है जिससे उस स्त्री को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने की या उस स्त्री के जीवन, अंग या स्वास्थ्य की (जो चाहे मानसिक हो या शारीरिक) गंभीर क्षति या खतरा कारित करने के लिए उसे करने की सम्भावना है; या
(ख) किसी स्त्री को तंग करना, जहां उसे या उससे सम्बन्धित किसी व्यक्ति को किसी सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति के लिए किसी विधिविरुद्ध मांग को पूरी करने के लिए प्रपीड़ित करने की दृष्टि से या उसके अथवा उससे संबंधित किसी व्यक्ति के ऐसे मांग पूरी करने में असफल रहने के कारण इस प्रकार तंग किया जा रहा है ।
दहेज मागने पर कौन सी धारा लगती है IPC 498A EXPLANATION?
धारा 498A के अनुसार, आज कल देखा जा रहा है की शादी के बाद महिला से उसके ससुराल में दहेज की ऐसी मांग की जाती है जो उसके मायके वाले पूरी करने में सक्षम नहीं होते। ऐसी स्थिति में जब मांग पूरी नहीं की जाती तो पति व पति के घरवालौ के द्वारा महिला को पीटा जाता है उसे ताने दिये जाते है। पति द्वारा या पति के नातेदारों द्वारा महिला को ऐसे शारीरिक एवं मानसिक कष्ट देना ही आईपीसी की धारा 498A में अपराध है।
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498A IPC में अपराध के लिए आवश्यक तत्व-
- महिला के पति या ससुराल पक्ष का होना।
- महिला के पति या ससुराल पक्ष का क्रूरता किया जाना।
- क्रूरता के द्वारा महिला को शारीरिक या मानसिक क्षति पहुचना।
498a IPC में हुए महत्वपूर्ण केस लॉं-
1॰ “शोभारानी बनाम मधुकर रेड्डी इस वाद में शराब पीना, देर से घर आना एवं घर लौटकर मारपीट करना निर्दयता की श्रेणी में आता है। जो इस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
2॰ “वन्हीशिखा राय बनाम सोमनाथ राय इस मामले में दहेज की मांग किया जाना निर्दयता पूर्ण व्यवहार माना गया है तथा उसे इस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना गया है”।
3॰ “के आर सुराचारी बनाम स्टेट ऑफ कर्नाटक पत्नी के चरित्र पर शक करके उसे परेशान करना इस धारा के अंतर्गत दंडनीय है”।
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दहेज मांगने की सजा क्या है ?
IPC की धारा के अंतर्गत तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना का दंड है।
धारा | अपराध | दंड | प्रक्रति | जमानत | विचारण |
आईपीसी की धारा 498A | किसी विवाहित स्त्री के प्रति क्रूरता करना अपराध है। | 3 वर्ष के कारावास और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है। | संज्ञेय | अजमानतीय | प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट |
समान्यतया पूछे गए प्रश्न-
IPC की धारा 498A क्या है?
किसी विवाहित स्त्री के प्रति क्रूरता करना आईपीसी की धारा 498A के अंतर्गत अपराध है।
IPC की धारा 498A में दंड क्या है?
इस धारा के अंतर्गत तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना का दंड है।
IPC की धारा 498A में जमानत मुमकिन है या नहीं?
इस धारा के अंतर्गत किया गया अपराध एक अजमानतीय अपराध है।
Mental Torture IPC Section कौनसा है?
आईपीसी सेक्शन 498a में किसी स्त्री को तंग करना, जहां उसे या उससे सम्बन्धित किसी व्यक्ति को किसी सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति के लिए किसी विधिविरुद्ध मांग को पूरी करने के लिए प्रपीड़ित करने की दृष्टि से या उसके अथवा उससे संबंधित किसी व्यक्ति के ऐसे मांग पूरी करने में असफल रहने के कारण इस प्रकार तंग किया जा रहा है ।
अंतिम शब्द-
आज मेंने आपको 498a ipc के बारे में विस्तार से सरल भाषा में जानकारी देने की कोशिश की है मुझे उम्मीद है की आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी आप अपने प्रश्न कमेंट के माध्यम से पुछ सकते है धन्यबाद।
Sir g Mera koi bhi kasur nhi or nha hi meri family ka bo khud hamko fasa rahi hum unko Lana cha rahy but bo mana karti or na hi devoce dai rhi kya kary hum
आपके द्वारा पेश किए गए सबूतों को देखने और आपके और आपके गवाहों के बयानों को देखने के बाद ही इस पहलू में एक निश्चित राय संभव है। इसलिए आपको दोनों पक्षों के गवाहों के बयानों की प्रतियों और फैसले की प्रति के साथ दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए सबूतों के लिए आवेदन करना होगा। और हमें भेजें ताकि हम आपके मामले के सभी बिंदुओं का अध्ययन कर सकें। यदि हम एक निश्चित बिंदु तक पहुँचते हैं, तो हम निश्चित रूप से आपकी मदद कर सकते हैं।